About Marriage Programme

सामूहिक विवाह श्री राधे गौशाला एवं श्रीमद भागवत प्रचार सेवा ट्रस्ट द्वारा समाज हित में एक सार्थक सोच व अंगद कदम हैं। सामूहिक विवाह मात्र एक विवाह का आयोजन भर नहीं हैं अपितु इसके प्रभाव व समाज हित में लाभ बड़े दूरगामी हैं।किसी कमजोर, जरूरतमंद या असहाय परिवार की कन्या का विवाह करानें से बढ़कर कोई अन्य पुनीत कार्य नहीं है। इस बात का प्रमाण है कि आज हर छोटे-बड़े जिलों, कस्बों या शहरों में कई वैवाहिक संस्थाएं मिलजुकर सैकड़ों कन्याओं के हाथ सामूहिक विवाह के माध्यम से पीले कर रही हैं। जिनमें से कुछ सर्वजातीय वैवाहिक समितियां तथा कई सजातीय संस्थाएं क्रमश: सभी जातियों के तथा अपनी जाति के सामूहिक विवाह में सक्रिय हैं। श्री राधे गौशाला एवं श्रीमद भागवत प्रचार सेवा ट्रस्ट विवाह जैसे सामाजिक पुण्य कार्य में अपनी सराहनीय भूमिका निभाती हैं। श्री राधे गौशाला एवं श्रीमद भागवत प्रचार सेवा ट्रस्ट के बैनरतले शादियां कराने पर समय की बर्बादी, दान-दहेज व फिजूलखर्ची जैसी कुरीतियों से भी समाज को मुक्ति मिलने के उम्मीद है। इस कार्यक्रम के माध्यम से जो धन, झूठे सामर्थ्य प्रदर्शन व्यय होता हे वह, नई दम्पत्ति के लिए उन्नति का सहारा हो सकता हे। कुछ लोग कह सकते हें की हम इस विवाह व्यय का बोझ उठाने में समर्थ हें। वे यह क्या यह भूल जाते हें की इससे असमर्थ व्यक्तियों पर मानसिक दवाव बनता हे। वे भी अपनी पुत्र या पुत्री के लिए सक्षम परिवार में रिश्ता करना चाहते हें, इस लिए सामुहिक विवाह को नहीं अपना कर, अन्य पक्ष की इच्छा या मानसिकता के आधार पर सामर्थ्य से अधिक व्यय कर आर्थिक बोझ के नीचे दव जाते हें। ओर यह भी हे की कोई भी स्वयं को असमर्थ या कमजोर ,गरीब साबित नहीं होने देना चाहता, चाहे इसके लिए कुछ भी क्यों न करना पड़े, कितना भी कर्ज क्यों न लेना पड़े। नव जवान युवक ओर युवतियों से आज यह आशा की जा सकती हे, की इन बातों को वे समझ कर अपने परिवार को सामूहिक विवाह के लिए तेयार कर सकते हें, ओर अपने पालको को इस धन की बरबादी से बचा कर कर्ज के खड्डे में, गिरने से बचा सकते हें। यही बात दूसरी ओर भी लागू होती हे की क्या कोई जमाई यह चाहेगा की उसके ससुराल पक्ष को एसी कठिन परिस्थिति का सामना करना पड़े। यदि कोई जमाई एसा चाहे तो वह जमाई बनाने लायक हो ही नहीं सकता, लालची जमाई ओर परिवार में कोई बेटी सुखी हो ही नहीं सकती।

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